क्रिकेट को “जेंटलमैन गेम” कहा जाता है, लेकिन समय-समय पर इसमें भ्रष्टाचार और सट्टेबाजी के मामले सामने आते रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश की महिला क्रिकेटर Shohely Akhter को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पांच साल के लिए बैन कर दिया। वह पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं, जिन्हें भ्रष्टाचार के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से प्रतिबंधित किया गया है। इस घटना ने महिला क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या महिला क्रिकेट भी अब भ्रष्टाचार के शिकंजे में फंसता जा रहा है?

कौन हैं Shohely Akhter
Shohely Akhter बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी थीं। वह एक ऑफ स्पिन गेंदबाज थीं और उन्होंने बांग्लादेश के लिए 13 टी20 और 2 वनडे मैच खेले हैं। हालांकि, उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं चला, लेकिन उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया था।
शोहेली का क्रिकेट करियर
वनडे डेब्यू: 2011 में
टी20 डेब्यू: 2012 में
आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच: 2022 में
कुल विकेट: सीमित अंतरराष्ट्रीय करियर में कुछ विकेट अपने नाम किए
Shohely Akhter को घरेलू क्रिकेट में अनुभवी स्पिनर के रूप में देखा जाता था, लेकिन उनका नाम किसी बड़े विवाद में पहले कभी नहीं आया था।
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कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला 2023 के महिला टी20 विश्व कप से जुड़ा है। ICC की भ्रष्टाचार-निरोधक इकाई (Anti-Corruption Unit – ACU) ने जांच में पाया कि Shohely Akhter ने एक अन्य खिलाड़ी से संपर्क कर मैच फिक्सिंग के लिए कहा था।
14 फरवरी 2023 को उन्होंने अपनी साथी खिलाड़ी से फेसबुक मैसेंजर पर संपर्क किया।
उन्होंने कहा कि उनका चचेरा भाई सट्टा लगाता है और उसने उन्हें एक प्रस्ताव दिया है।
इस प्रस्ताव में बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच में “हिट विकेट” होकर आउट होने के लिए 20 लाख टका (बांग्लादेशी मुद्रा) की पेशकश की गई थी।
उनकी साथी खिलाड़ी ने तुरंत इस बात की रिपोर्ट कर दी, जिससे मामला खुला।
आईसीसी के भ्रष्टाचार विरोधी नियमों का उल्लंघन
ICC ने शोहेली अख्तर पर 5 नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया:
- अनुच्छेद 2.1.1 – किसी मैच के नतीजे को प्रभावित करने के लिए रिश्वत मांगना
- अनुच्छेद 2.1.3 – किसी अन्य खिलाड़ी को मैच फिक्सिंग के लिए उकसाना
- अनुच्छेद 2.1.4 – खिलाड़ियों को भ्रष्टाचार के लिए संपर्क करना
- अनुच्छेद 2.4.4 – भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बावजूद उसे छिपाना
- अनुच्छेद 2.4.7 – भ्रष्टाचार के आरोपों की सही जानकारी नहीं देना
Shohely Akhter ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उन्हें 10 फरवरी 2025 से 5 साल के लिए क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया गया।
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Shohely_Akhter
महिला क्रिकेट में यह पहला मामला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मामला इसलिए खास है क्योंकि:
अब तक पुरुष क्रिकेट में कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, लेकिन महिला क्रिकेट में यह पहला बड़ा मामला है।
महिला क्रिकेट को अभी भी पुरुष क्रिकेट जितना वित्तीय समर्थन नहीं मिलता। अगर भ्रष्टाचार बढ़ा, तो इसे और नुकसान होगा।
यह घटना साबित करती है कि ICC को महिला क्रिकेट में भी सट्टेबाजों और भ्रष्टाचारियों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
क्रिकेट और भ्रष्टाचार: क्या कहती हैं पुरानी घटनाएं?
क्रिकेट इतिहास में पहले भी कई बार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। कुछ बड़े नाम जो इससे जुड़े हैं:
- सलीम मलिक (पाकिस्तान, 2000) – ICC ने मैच फिक्सिंग के कारण आजीवन प्रतिबंध लगाया।
- हंसी क्रोनिए (साउथ अफ्रीका, 2000) – भारत के खिलाफ फिक्सिंग का आरोप लगा, बाद में प्लेन क्रैश में मौत हो गई।
- सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा (आईपीएल, 2013) – सट्टेबाजों से संपर्क के आरोप लगे थे, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
- शाकिब अल हसन (बांग्लादेश, 2019) – ICC के एंटी करप्शन कोड का उल्लंघन करने पर 1 साल का प्रतिबंध लगा।
अब पहली बार महिला क्रिकेट में भी यह मामला सामने आया है, जो चिंताजनक संकेत देता है।
इस प्रतिबंध का बांग्लादेश महिला क्रिकेट पर असर

बांग्लादेश की महिला क्रिकेट टीम धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो रही थी। हालांकि, यह घटना:
बांग्लादेश क्रिकेट की छवि को खराब कर सकती है।
युवा महिला क्रिकेटरों को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को झटका दे सकती है।
भविष्य में महिला खिलाड़ियों के भ्रष्टाचार मामलों पर ICC की निगरानी बढ़ सकती है।
क्रिकेट में नैतिकता और खेल भावना का महत्व
क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक भावना और नैतिकता से भरा खेल है। लेकिन जब खिलाड़ी पैसे के लालच में फिक्सिंग करते हैं, तो इससे खेल की साख गिरती है।
खिलाड़ियों को:
एंटी-करप्शन ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
फिक्सिंग के खिलाफ कठोर दंड मिलने चाहिए।
क्रिकेट बोर्ड को खिलाड़ियों के साथ लगातार बातचीत करनी चाहिए ताकि वे ऐसी गलती न करें।
शोहेली अख्तर का बैन महिला क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।
यह साबित करता है कि महिला क्रिकेट भी अब सट्टेबाजों के निशाने पर है।
ICC को महिला क्रिकेट में भी कड़े सुरक्षा उपाय लागू करने की जरूरत है।
यह घटना युवा खिलाड़ियों के लिए एक सबक है कि ईमानदारी से खेलना ही असली जीत है।
क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि इस घटना के बाद महिला क्रिकेट और सुरक्षित और स्वच्छ बनेगा, और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
क्या क्रिकेट में और कड़े नियमों की जरूरत है?
आपकी क्या राय है? क्या क्रिकेट बोर्ड को खिलाड़ियों को बेहतर सुरक्षा और जागरूकता देने की जरूरत है? अपनी राय नीचे कमेंट में बताएं!